मै तुम्हारे पास रहूँगी हर पल
धूप कभी तो कभी छौं (shade ) बनकर
दूर् हूँ तो इसलिये गम ना करना
पास रहूँगी सदा याद बनकर
किताबौ मे ढूंदते हो अस्तित्व अपना
उतर जाउन्गी हर्फ पे शब्द बनकर
ग़मे जुदाई मे कभी आंशू ना बहाना
खव्बौ मे होगी बस्लेयार ( date ) ख्वाईश बनकर
थक जो जाओगे तन्हा सफर मे
मेरी मुस्कान होगी दिल मे हौसले बनकर
मै ना रहूँगी इस जहाँ मे तो क्या ?
मेरा साया साथ होगा हमसफ़र बनकर
हो मुकम्मल ( complete ) ज़िंदगी तेरी , ख़ुशीयौ से
मेरी ये इल्तzआ है खुदा से दुआ बनकर
Monday, January 19, 2009
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